अक्सर हम वैज्ञानिक के बारे में सुनते हैं तथा उनके नए नए आविष्कारों को जानने के लिए तत्पर रहते हैं। बहुत लोगों के मन में यह ख्याल आता है कि एक वैज्ञानिक कैसे बना जा सकता है। खास करके बहुत सारे विद्यार्थी वैज्ञानिक बनने के लिए मन में सोचते है।
तो आज हम जानेंगे की एक विद्यार्थी किस तरह से वैज्ञानिक बन सकता है और उसे क्या करना चाहिए क्या पढ़ना चाहिए जिससे वह एक वैज्ञानिक बन सके।
वैज्ञानिक किसे कहते हैं?
कोई भी व्यक्ति जो ज्ञान प्राप्ति के लिए विधिवत रूप से कार्य करता है उसे वैज्ञानिक कहते हैं। मतलब अपने ज्ञान के द्वारा किसी भी क्षेत्र में कुछ नया या परिवर्तन लाने वाले व्यक्ति को वैज्ञानिक कहा जाता है। बहुत लोगों का मानना है कि जो लोग नई चीजों का खोज करते है उसे ही वैज्ञानिक कहते हैं। इससे यह ज्ञात होता है कि वैज्ञानिक का मतलब कुछ खोज करना।लेकिन यह कोई जरूरी नहीं है कि वैज्ञानिक कुछ ना कुछ नई चीजों का ही खोज करेंगे। ऐसा भी हो सकता है कि वह अब तक किसी भी प्रकार का खोज नहीं किए हो लेकिन भविष्य में उनके ज्ञान को प्राप्त करके नई खोज किया जा सकता है। तो उसे भी हम वैज्ञानिक ही कहते हैं।
मतलब निष्कर्ष यह निकलता है कि कोई व्यक्ति यदि वैज्ञानिक के उन सभी विधियों का अनुसरण करते हुए किसी एक क्षेत्र में ज्ञानार्जन करता है तो उसे वैज्ञानिक कहा जाता है।
वैज्ञानिक कितने प्रकार के होते हैं?
वैसे देखा जाए तो वैज्ञानिक बहुत तरह के हो सकते है। लेकिन मुख्य रूप से तीन प्रकार के वैज्ञानिक के बारे में सबसे ज्यादा चर्चा होती है।
पहला:- भौतिक वैज्ञानिक
दूसरा:- रासायनिक वैज्ञानिक तथा
तीसरा:- जैविक वैज्ञानिक
परंतु इन तीनों के अंदर बहुत सारे विज्ञान की शाखाएं होती है जिसके कारण बहुत सारे वैज्ञानिक अलग-अलग शाखाओं में शोध करते हुए अलग-अलग शाखा के वैज्ञानिक कहलाते हैं।
जैसे – जीव वैज्ञानिक, पारिस्थितिक वैज्ञानिक, अनुवांशिक वैज्ञानिक, प्रतिरक्षा वैज्ञानिक, जीवाश्म वैज्ञानिक, पृथ्वी वैज्ञानिक, खनिज वैज्ञानिक भूकंप वैज्ञानिक, मनोवैज्ञानिक इस तरह से और बहुत सारे वैज्ञानिक हो सकते है।
एक साधारण विद्यार्थी वैज्ञानिक कैसे बन सकता है?
बहुत विद्यार्थी के मन में यह सवाल आता है की वैज्ञानिक कैसे बना जा सकता है । तो आज हम बात करेंगे की कब और कैसे एक विद्यार्थी वैज्ञानिक बन सकता है।
अगर आप एक वैज्ञानिक बनना चाहते हैं, तो आपको अपनी स्कूल के समय से ही एक लक्ष्य बनाकर चलना होगा तब कहीं जाकर आप आसानी से उस उस लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं। साथ ही साथ वैज्ञानिक बनने के लिए आप में कई सारी खूबियां होनी चाहिए तभी आप एक सफल वैज्ञानिक बन सकते हैं। तो पहले यह जान लेना है कि आपके अंदर वैज्ञानिक वाले वह गुण हैं या नहीं ।
वैज्ञानिक बनने के लिए सबसे पहले आपके अंदर कोई भी चीज को जानने का गुण और लगन होना चाहिए। साथ ही साथ विज्ञान विषय में ज्यादा रुचि रखने वाले व्यक्ति ही सफल वैज्ञानिक बन सकते हैं। प्रैक्टिकल ज्ञान ही एक वैज्ञानिक बनने के रास्ते को आसान बना सकता है।साथ ही साथ मन में उठे तमाम प्रकार की जिज्ञासाओं का सही सही जवाब तलाश करना ही वैज्ञानिक बनने का एक महत्वपूर्ण गुण है।
वैज्ञानिक बनने के लिए शैक्षणिक योग्यता
वैज्ञानिक बनने के लिए आपको दसवीं कक्षा के बाद भौतिक विज्ञान, रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान, गणित एवं अंग्रेजी जैसे विषयों में अच्छी पकड़ होनी चाहिए ।
इसके बाद उच्च शिक्षा ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन होनी चाहिए। जैसे एमएससी(M.Sc), एमफिल(M.Phil), पीएचडी(PHD), इंजीनियरिंग आदि की पढ़ाई होते ही समय समय पर निकलने वाले वैज्ञानिक पदों के लिए आप आवेदन कर सकते हैं।
सबसे बड़ी बात वैज्ञानिक बनने के लिए कोई उम्र सीमा नहीं होती है। आप किसी भी उम्र में आवेदन कर सकते हैं। एवं आप किसी और विभाग में रहते हुए भी अपनी रिसर्च आदि को जारी रखते हुए अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं।
भारत के सबसे पहले एवं महान वैज्ञानिकों के नाम क्या है?
भारत के प्रथम वैज्ञानिक श्री जगदीश चंद्र बसु जी हैं तथा इनका पहला आविष्कार क्रेसोग्रफी है। जो पेड़ों की लंबाई और चौड़ाई मापने के लिए प्रयोग किया जाता है।
आधुनिक भारत में कई वैज्ञानिक हैं जिनका नाम बड़ा ही गर्व के साथ लिया जाता है जिनमें मुख्य रुप से एपीजे अब्दुल कलाम, अनिल काकोडकर, बीरबल साहनी, होमी जहांगीर, भाभा प्रेम चंद्र पांडे, कैलाश नाथ कोल, श्री राम शंकर अभ्यंकर, सी एन आर राव, सी वी रमन, विजय पी भटकर, हरगोविंद खुराना, तेज पी सिंह, हरिचंद्र, मनिंद्र अग्रवाल, श्रीनिवास रामानुजन, सत्येंद्र नाथ बसु, सर एम विश्वेश्वरैया, सुंदरलाल होरा, वेंकटरमन रामकृष्णन, विक्रम साराभाई, अतुल गुर्टू इत्यादि।
भारत के प्राचीन काल के बहुत सारे वैज्ञानिक थे जिन्होंने आधुनिक काल के वैज्ञानिक से ज्यादा नाम एवं प्रसिद्ध प्राप्त किए हैं। जिनमें मुख्य रुप से सभी के जुबां पर रहने वाले कुछ वैज्ञानिकों के नाम इस प्रकार हैं आर्यभट्ट, भास्कर प्रथम, सुश्रुत चरक, नागार्जुन, कपिल, वरामिहिर।
विश्व के प्रमुख वैज्ञानिक एवं उनके आविष्कार:-
गैलीलियो जैसे महान वैज्ञानिक ने सबसे पहले टेलिस्कोप का आविष्कार किया जिसके कारण गैलीलियो को आधुनिक विज्ञान का पिता भी कहा जाता है। क्योंकि टेलिस्कोप के आविष्कार से ही हम ग्रह नक्षत्रों की सही जानकारी प्राप्त कर सके।
एंटोन वान ल्यूवेंहोक – माइक्रोस्कोप के आविष्कारक एवं माइक्रोबायोलॉजी के पिता के रूप में इनको माना जाता है।
सर विलियम हार्वे – रक्त परिसंचरण की प्रक्रिया का खोज करके मनुष्य के शरीर के उपचार में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के लिए इनका नाम लिया जाता है।
ग्रेगर जोहन मेंडेल:- आधुनिक अनुवांशिक के पिता इन्हीं को कहा जाता है। इन्होंने ही लंबे, बौने और अलग-अलग रंगों के पौधे के बीच संकरण के लगभग 28000 पौधों के अध्ययन के बाद अनुवांशिकी का परिभाषा दिया।
सर अलेक्जेंडर फ्लैमिंग:- पेनिसिलिन के उपचारात्मक औषधि का खोज करके विश्व में बैक्टीरिया द्वारा होने वाले रोगों पर क्रांतिकारी कार्य किया।
विलियम कॉनरैड :- एक्स-रे की खोज करके इन्होंने हड्डियों के फैक्चर, पथरी और शरीर के विभिन्न संक्रमण को देखने के लिए एक बहुत ही बड़ा काम किया।
जेराल्ड मॉरिस इडेलमन :– एंटीबॉडी की संरचना का खोज करके इन्होंने प्रकृति में पैदा होने वाले व्यक्ति ओरिया आदि के बचाव के लिए महत्वपूर्ण काम किया।
सर आइज़क न्यूटन :-गुरुत्वाकर्षण और गति के नियम की खोज करके इन्होंने फिजिक्स के पिता का उपाधि प्राप्त करके वैज्ञानिक क्षेत्र में अमर हो गए।
रॉबर्ट कोच :-जीवाणु विज्ञान के जनक के रूप में जाने जाते हैं।
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