बेरोजगारी की समस्या और समाधान पर निबंध (Essay on Unemployment Problem and Solution in Hindi)

बेरोजगारी की समस्या और समाधान पर 700 शब्दों का निबंध

बेरोजगारी क्या है?

बेरोजगारी तब होती है जब कोई व्यक्ति जो सक्रिय रूप से रोजगार खोज रहा है वह असमर्थ है। बेरोजगारी का उपयोग अक्सर अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य के उपाय के रूप में किया जाता है।

बेरोजगारी का सबसे लगातार उपाय बेरोजगारी दर है। बेरोजगारी एक आर्थिक संकेत हैं जो अधिक लोगों में देखा गया हैं। न केवल हमारे देश भारत में बल्कि पूरे विश्व में बेरोजगारी एक बहुत गंभीर मुद्दा है। यहां लाखों और हजारों लोग ऐसे हैं, जिनके पास रोजगार नहीं है। बढ़ती जनसंख्या और नौकरियों की मांग के कारण भारत में बेरोजगारी की समस्या बहुत गंभीर है। बेरोजगारी ना केवल हमारे देश में है, यह तो पूरे विश्व में फैला हुआ हैं। हर सौ में से देखा जाए तो साठ लोग अभी बेरोजगार हैं। बेरोजगारी के वजह से तो कितने लोगों की मृत्यु भी हो गईं हैं। और ये रुक नहीं रही। हर साल हम कितने गरीब लोग अपनी जान गवा बैठते है। उन्हें अपना जीवन यापन करने के लिए ना कुछ पैसे रहते ना कुछ खाने का।

हम अधिकतर ट्रेन या स्टेशन पर ये देखते हैं कि कितने लोग भीख मांगते हैं। वह इसलिए भी है क्यूकि उन्हें ना खाने का कुछ रहता है और ना रहने का जगह।और उनमें ज्यादातर बच्चे रहते हैं।बेरोजगार होने के लिए आबादी के एक बड़े हिस्से का बहुत कारण है। इनमें से कुछ कारण जनसंख्या वृद्धि, धीमी आर्थिक वृद्धि, मौसमी व्यवसाय, आर्थिक क्षेत्र में गिरावट। अभी स्थिति इतनी कठोर हो गई है कि लोग कुछ भी करने को तैयार है।

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इन सबके अलावा, आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि क्षेत्र में लगा हुआ है और यह क्षेत्र केवल रोजगार प्रदान करता है।बेरोजगारी विभिन्न कारणों से होती है जो मांग पक्ष, या नियोक्ता, और आपूर्ति पक्ष, या कार्यकर्ता दोनों से आते हैं।

2020 में अभी बेरोजगारी कि स्थिति-

अगर हम अभी की बात करे तो अभी का जो समय हैं उससे हम ये आंकड़ा लगा सकते हैं कि अभी बेरोजगारी और बढ़ेगी। हम सब जानते हैं कि अभी कोरोना काल हैं और इसमें सभी लोग अपने घरों पर हैं। कितने लोगों की तो नौकरी भी छुट गई हैं। जो लोग काम करते थे वो सब भो अपने घर पर बैठ गए हैं।इस वजह से सबसे ज्यादा परेशानी किसान,मजदूर लोगों को हैं। यहां तक कि हमने ये भी देखा है की जितने लोग बाहर थे वे सब अपने घर वापस लौट गए हैं क्यूकि उन्हें काम से निकाल दिया गया है। बड़ी बड़ी कंपनिया भी बंद हो चुकी हैं और वो लोग तो अपने लोगों को काम पर से भी हटा रहे।

अब समस्या तो ये है कि ये लोग जाएंगे कहां और ये लोग अपना घर को कैसे चलाएंगे। ये लोग परेशान होकर तो खुदकुशी के रहे।और जब सब ठीक रहेगा तो ये जरूरी नहीं कि सब लोगों को नौकरी मिल ही जाएगी। यह सब बेरोजगारी का मुख कारण हैं।बेरोजगारी और गरीबी साथ-साथ चलती है। बेरोजगारी की समस्या गरीबी की समस्या को जन्म देती है।

लंबे समय तक के रोजगार ना मिलने के बाद युवा पैसे कमाने का गलत तरीका ढूंढते हैं।बेरोजगारी से छुटकारा पाने के लिए तनाव, वे शराब या ड्रग्स स्वीकार करते हैं।
बेरोजगार लोग आत्महत्या को अपने जीवन के अंतिम विकल्प के रूप में स्वीकार करते हैं। यह मानसिक के साथ-साथ शारीरिक रूप से भी प्रभावित करता हैं।

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बेरोजगारी का समाधान-

  1. बेरोजगारी का सबसे पहला समाधान हमारे देश की बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करना है। सरकार को लोगों को छोटे परिवार रखने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
  2. भारतीय शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होना चाहिए। सरकार को स्कूलों और विश्वविद्यालयों की देखभाल के लिए एक समिति का चयन करना चाहिए। पढ़ाए जाने वाले सिलेबस का उद्योगों के लिए कोई उपयोग नहीं है, इसलिए शिक्षा वर्तमान के अनुसार होनी चाहिए और तीव्र औद्योगीकरण का सृजन किया जाना चाहिए।
  3. ग्रामीण क्षेत्रों के विकास से ग्रामीण लोगों का शहरी शहरों में पलायन रुकेगा और इससे शहरी शहर की नौकरियों पर अधिक दबाव नहीं पड़ेगा।
  4. अधिक विदेशी कंपनियों को भारत में अपनी इकाई खोलने की अनुमति देनी चाहिए, ताकि रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध हों।
  5. जो भी योजना बनता हैं उसे नियमित रुप से देखना चाहिए कि वो काम कर रहा है या नहीं।
  6. शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी की समस्या को हल करने के लिए, संगठित औद्योगिक क्षेत्र को भी पर्याप्त संख्या में श्रमिकों को अवशोषित करना चाहिए।
  7. शिक्षा और स्वास्थ्य पर ज्यादातर ध्यान देना चाहिए। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अधिक स्कूल, अस्पताल, स्वास्थ्य देखभाल क्लीनिक न केवल उनके निर्माण के दौरान रोजगार पैदा करेंगे, बल्कि और भी महत्वपूर्ण होंगे, जब वे शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए काम करना शुरू करेंगे।

बेरोजगारी की समस्या और समाधान पर 300 शब्दों का निबंध

बेरोजगारी कया हैं?

आज कई समस्याएं हैं समाज में, लेकिन परिवार, समाज, राज्य और देश में बेरोजगारी की समस्या अलग है। लोगों को काम नहीं मिलता और मिलता भी है तो अपनी क्षमता के मुताबिक नहीं मिलता। यह बेरोजगारी है। यह समस्या एक बड़ा संकट है कई चीजों के कारण ये होता है जैसे कृषि में रुचि की कमी और इसके कारण बेरोजगारी की स्थिति पैदा होती है।

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बेरोजगारी का दुस्प्रभाव:

औद्योगिक क्षेत्र मजदूर जो संकट के दौर से जूझ रहे हैं बेरोजगारी या मानसिक पीड़ा और, सामाजिक दुर्व्यवहार, अपराध को चुनने लगते है ताकि पैसा का पाए। आज कल कई लोग किसी भी रूप में धन प्राप्त करने के गलत तरीके को स्वीकार करते है और इसका बोहोत खराब परिणाम होता है। उन्हें इसी के वजह से आगे कठिनाई का सामना करना पड़ता हैं।शिक्षा प्रणाली भी इसका मुख्य कारण है। हमारे देश की शिक्षा उन्हें प्रवेश के लिए उपयुक्त नहीं है। हमें जो शिक्षा मिलती है वह हमारे जीवन में काम नहीं आती है।

जनसंख्या लगातार बढ़ रहा है। जिसके कारण रोजगार में बाधक है। बढ़ती आबादी के कारण काम कम हो रहा है। कंप्यूटर के आने से लाखों लोग बेकार हो गए हैं, क्योंकि एक कंप्यूटर दस के रूप में अकेले काम करता है। हमारे देश के किसान अनपढ़ हैं, इसलिए वे खेती के नए और वैज्ञानिक तरीके से अनजान हैं। किसान गरीब हैं जिसके कारण वे अपने लिए नए चीजों को खरीदने असमर्थ हैं।

समाधान:-

इन समस्याओं का हल यही है कि सबसे पहले शिक्षा प्रणाली को सुधारना होगा। समाज में फैली बेरोजगारी को हटाना होगा। लोगों को शिक्षित करना होगा। तभी यह समस्या मिट सकेगी।

हमारे देश की सरकार को इस समस्या को हल करने के लिए एक उपयुक्त और बेहतर समाधान खोजना चाहिए; अन्यथा देश कभी आगे नहीं बढ़ेगा। इसके लिए, शिक्षा नीति अच्छी करनी होगी और साथ ही साथ नौकरी का भी प्रवधान रखना होगा ताकि लोग पढ़ने के लिए जागृत होंगे आगे नौकरी भी कर लेंगे।

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