एटीएम के बारे में जानिये हिंदी में

एटीएम एक ऐसी मशीन है जिससे किसी भी समय पैसे निकाले जा सकते हैं। एटीएम से एक खाते से दूसरे खाते में भी पैसे भेजें जा सकते हैं। तथा इसे किसी भी तरह के पैसों के भुगतान यानी ऑनलाइन भुगतान किए जा सकते हैं। एटीएम का उपयोग करने के लिए एटीएम कार्ड का होना जरुरी है। एटीएम कार्ड के मदद से कोई भी व्यक्ति अपने बैंक के खाते से कुछ समय के अंदर ही पैसे निकाल सकते हैं।

यहां इंटरनेट सेवा प्रदाता (ISP) की मदद से चलता है। एटीएम में ISP नेटवर्किंग का प्रयोग होता है। यह टेलीफोन नेटवर्क के मदद से अपना कार्य करता है। अंग्रेजी में ऑटोमेटिक टेलर मशीन या कैश पॉइंट कहते हैं। हिंदी में एटीएम को स्वचालित गणक मशीन कहते हैं। यानी अपने अनुसार गिनती करना। यह एक बहुत ही सुविधाजनक  एवं उपयोग में बहुत सरल मशीन है। यह बहुत तेजी से काम करती है।

वर्तमान समय में एटीएम का प्रयोग घर इंसान कर रहा है। एटीएम मशीन का इस्तमाल करने के लिए एक एटीएम कार्ड का होना जरुरी है। एटीएम में पैसे निकासी के साथ-साथ पैसे जमा भी की जा सकती है। यह मशीन हमारे द्वारा दिए गए अंकों को अपने अनुसार गिनकर पैसों की निकासी करती है।

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एटीएम के आविष्कारक कौन थे?

एटीएम के आविष्कारक जॉन शेफर्ड और डोनाल्ड विट्ठजल थे।

पहली एटीएस कहां और कब लगी थी?

इसे 27 जून 1967 को पहली बार बार्कलेज बैंक द्वारा लंदन में लगाया गया था। पहले के समय में करीब 1960 में एटीएम को बैंकोंग्राफ कहा जाता था। लंदन के बाद इसे और कई देशों में लगाया गया। कुछ देशों में इसका उपयोग अच्छा था तथा कुछ देशों में इसका उपयोग सामान्य से भी कम था।

भारत में एटीएम एचएसबीसी बैंक के द्वारा मुंबई में सन् 1987 को लगाई गई थी।

जैसा कि हम जानते हैं एटीएम में अंको वाली पिन पूछी जाती है। परंतु जब जॉन शेफर्ड ने इसे बनाया तब उन्होंने 6 अंकों का पिन रखना चाहा था। परंतु उनकी पत्नी ने 4 अंकों वाला पिन रखने को कहा था ताकि लोगों को यह आसानी से याद रह सके। इस तरह से एटीएम में 4 अंकों वाला पिन निर्धारित किया गया। एटीएम को बनाने का उनका मुख्य उद्देश था कि लोगों को पैसों के लिए लंबी लंबी लाइन में ना लगना पड़े और आसानी से पैसे प्राप्त हो जाएं।

एटीएम में कितनी मशीनें लगी होती है तथा या कैसे काम करती है

एटीएम मशीन में दो उपकरण लगे होते हैं-

  1. इनपुट उपकरण
  2. आउटपुट उपकरण

इनपुट उपकरण

इस उपकरण की मदद से हम एटीएम मशीन को निर्देश देते हैं। इसमें निन्नलिखित उपकरण शामिल हैं

  • कार्ड रीडर
    कीपैड
  • टच स्क्रीन

कार्ड रीडर से व्यक्ति की पहचान तथा उसके खाते के बारे में पता चलता है। कीपैड टच स्क्रीन की मदद से हम मशीन को निर्देश दे पाते हैं।

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आउटपुट उपकरण

इस उपकरण से हमें मशीन द्वारा की जा रही गतिविधि का पता चलता है। इसमें भी कुछ उपकरण शामिल है जैसे-

  • कैश डिपाजटर
  • डिस्प्ले स्क्रीन
  • प्रिंटर
  • स्पीकर

कैश डिपाजटर– यह मशीन में पैसों को रखने किताब आती है।

डिस्प्ले स्क्रीन– इसमें हम जानकारी देते हैं तथा मशीन द्वारा हो रहे कार्य को देख पाते हैं।

प्रिंटर– यहां व्यक्ति द्वारा निकाले गए पैसे वह किए गए कार्य को लिखित रूप में दे देती है।

स्पीकर– यह मशीन द्वारा कर रहे कार्य को आवाज के माध्यम से व्यक्ति को सना दी जाती है।

एटीएम के कुछ खास तथ्य 

RBI के अनुसार देश में कुल 2,21,658 एटीएम मौजूद है। इनमें से 1,46,301 सरकारी बैंकों के एटीएम है।50,628 प्राइवेट बैंक एटीएम है और 933 विदेशी बैंकों के एटीएम लगे हुए हैं।

नए नियम के अनुसार यदि किसी व्यक्ति को ₹20000 निकालने हो तो उसके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओपीडी आएगी मशीन द्वारा वह ओटीपी पूछी जाएगी। उसके बाद ही पैसों की निकासी होगी।

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