राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन की जीवनी – परिवार, संपत्ति, विवाद

राकेश टिकैत वह नाम है, जो कृषि बिल के खिलाफ किसान आंदोलन से जुड़ा हुआ है। यह नाम किसान आंदोलन के पीछे बहुत ज्यादा चर्चा में है। यह लगभग 40 बार जेल जा चुका है। तो आइए जानते हैं राकेश टिकैत का शुरुआती समय के बारे में और उसकी जीवनी से जुड़ी बातें, कैसे ये अपना कदम किसान आंदोलन में रखा?

राकेश टिकैत का जन्म 4 जून 1969 मुजफ्फरपुर में हुआ था। इनकी पढ़ाई मेरठ यूनिवर्सिटी से हुई थी। इनकी शैक्षिक योग्यता स्नातक है। इनका संपत्ति लगभग 4 करोड़ 25 लाख है।

कौन है भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष?

असल में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत (राकेश टिकट के बड़े भाई) हैं।

राकेश टिकैत ने क्यों छोड़ा दिल्ली पुलिस कांस्टेबल की नौकरी?

सन् 1993-94 की बात है, जब राकेश टिकैत के पिता के नेतृत्व में किसानों का आंदोलन चल रहा था। कहा जाता है- कि जब दिल्ली पुलिस के अधिकारी आंदोलन को काबू नहीं कर पा रहे थे, तब उन्होंने कॉन्स्टेबल राकेश टिकैत पर दबाव बनाने लगे जिसके कारण उन्हें यह नौकरी छोड़ी।

पिता महेंद्र सिंह टिकैत का कैसे हुआ निधन?

राकेश टिकैत के पिता महेंद्र सिंह टिकैत का निधन कैंसर के कारण हुआ।

राकेश टिकैत कैसे सम्मिलित हुए किसान यूनियन में?

दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल की नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने किसान यूनियन में जुड़ने का रास्ता चुना।

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राकेश टिकैत क्यों नहीं बन सके बीकेयू के अध्यक्ष?

राकेश टिकैत का परिवार बालियान खाप से है। खाप का यह नियम है- कि पिता की मौत के बाद घर का मुखिया बड़ा होता है। इसलिए राकेश टिकैत के बड़े भाई नरेश टिकैत को बनाया गया।बीकेयू का अध्यक्ष। लेकिन पार्टी के फैसले राकेश ही लीड करता था।

चुनाव में दो बार लड़ने के बाद भी मिली हार।

राकेश टिकैत ने किसान यूनियन के जरिए राजनीति में अपना जगह बनाने का प्रयास किया।
पहला- 2007 में मुजफ्फरनगर की खतौली विधान सभा सीर में निर्दलीय चुनाव लड़े।
दूसरा- 2014 में अमरोहा से लोकसभा चुनाव लड़े और उन्हें राष्ट्रीय लोक दल पार्टी ने टिकट भी दिया। लेकिन दोनों बार भी चुनाव हार गए।


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