3 दुनिया के सबसे दुर्लभ रूप से लुप्तप्राय जानवर

1. छोटा-सींग वाला गैंडा

जिसे जवन राइनो के नाम से भी जाना जाता है। ये जानवर पहले इन्डोनेशियाई तथा वियतनाम के द्वीपों, भारत और चीन जैसे देश में पाए जाते थे, लेकिन आज, यह गंभीर रूप से खतरे में है। चीनी इसका अवैध शिकार करते है, शिकार का मुख्य कारन इनके छोटे सींग जिसे वो का दवा के रूप में उपयोग करते है। 

2011 में वियतनाम ने छोटा-सींग वाला गैंडा यानि जवन राइनो को विलुप्त घोषित कर दिया था। विश्व वन्यजीव संगठन की माने तो आज इनकी सांख्य बस 58–68 के लगभग हो गयी है, जो केवल इंडोनेशिया के द्वीप जावा के उज्ंग कुलोन नेशनल पार्क में रहते हैं।

2. अमूर तेंदुआ

अमूर तेंदुआ दक्षिणपूर्व रूस के प्रिमोर्स्की क्राय नामक क्षेत्र में पाए जाते हैं। यह जानवर ठंडे, बर्फ वाले पातावरण में पाया जाता है और उम्र 10 से 15 साल तक की ही होती है। 

इस जानवर को आईयूसीएन के द्वारा रेड लिस्ट जिसका मतलब गंभीर रूप से लुप्तप्राय वाले जानवरो की सूची में डाल दिया है। लुप्तप्राय के कारण – अवैध शिकार, सभ्यताओं का अतिक्रमण, नई सड़कें, जंगलों की तबाही और जलवायु परिवर्तन। 

2007 में अमूर तेंदुआ की संख्या दक्षिण-पूर्वी रूस और पूर्वोत्तर चीन के इलाकों में केवल 19–26 जीवित रहने का अनुमान लगाया गया था।

3. तारसिअर

तारसिअर छोटे बन्दरो की तरह दिखने वाला जानवर जिनकी लम्बाई केवल 9-16 सेमी और जो दक्षिण पूर्व एशिया के द्वीपों जैसे थाईलैंड, कंबोडिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस पर पाए जाते हैं।

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ये पूरी तरह से 100% मांसाहारी होते है। वे आम तौर पर कीड़े का पालन करते हैं, हालांकि, वे अतिरिक्त रूप से पंख वाले जीव, चमगादड़, सरीसृप और सांपों को खाने के लिए जाने जाते हैं। इस जानवर को आईयूसीएन के द्वारा लुप्तप्राय वाले जानवरो की सूची में डाल दिया था।