अब इंतजार की घड़ियां खत्म होने जा रही है क्यूंकि 27 जुलाई 2020 को राफेल लड़ाकू विमान फ्रांस से भारत में दस्तक दे रही है। बहुत दिनों से हम इस विमान के बारे में सुनते आ रहे हैं। भारत में शायद ही ऐसे लोग होंगे जो दो इंजनों और मल्टीरोल वाली राफेल विमान का नाम नहीं सुने होंगे।
राफेल का मतलब होता है हवा का झोंका या तूफ़ान। यह दुनिया के सबसे बेहतरीन विमान में से एक है जिसकी डिजाइन डसॉल्ट एविएशन द्वारा किया गया है।
चलिये देकते है राफेल की कुछ खुबिया जिसकी वजह से यह विमान दूसरे विमानों से ज्यादा ताकतवर है।
आज हम जानेंगे की ऐसी क्या खासियत है इस विमान में जिसको लेकर हमारे वायु सेना बहुत ज्यादा उत्सुक हैं।
10 जबरदस्त और अहम बातें जिसके वजह से राफेल विमान का लोग बेशबरी से इंतज़ार कर रहे हैं।
1.
यह विमान एक बार में 3700 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है जब कि सुखोई विमान 3000 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है। यदि उदाहरण दी जाए तो आपको पता ही होगा लाहौर और कोलकाता की दूरी 1700 किलोमीटर है और यह विमान कोलकाता से लाहौर तक एक बार में जा कर लौट सकता है।
2.
यदि इसकी गति की बात की जाए तो यह 2130 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह लड़ाकू विमान 60 सेकंड यानी 1 मिनट में करीब 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है।
3.
आपको बता दें कि यह आसानी से 24,500 तक का भार उठा कर ले जाने में बिल्कुल सक्षम है।गोला या बारूद किसी भी तरह की सामग्री को यह उठाने में सक्षम है।
4.
यह विमान हवा से हवा और हवा से ज़मीन में सटीक निशाना लगा सकता है। इसमें अत्याधुनिक रडार मौजूद हैं जिससे एक समय में एक से ज्यादा निशाना लगा सकता है।
5.
यह विमान बहुत से तरह के घातक हथियारों से बिल्कुल लैस है जिसमें मेटियोर मिसाइल और स्कैल्प मिसाइल भी शामिल है। इस विमान की इतनी क्षमता है कि किसी भी मिसाइल को यह मार कर गिरा सकता है।
6.
इसकी सबसे बड़ी खासियत है इसकी इजरायली हेलमेट जिसे कहा जाता है एचएमडी (हेलमेट माउंटेन डिस्प्ले) जिसकी कीमत है करीब चार लाख अमेरिकन डॉलर अर्थात तीन करोड़ का बस डिस्प्ले है। इसके तहत पायलट किसी भी चीज या दूसरे विमान के आर पार भी आसानी से देख सकते है। इसे पहनने के बाद पायलट को किसी भी तरह की कोई रुकावट नहीं होगी कुछ देखने में।
7.
उड़ान में रहते हुए भी राफेल में ईंधन भरी जा सकती है। मज़े की बात तो यह है राफेल फाइटर जेट अपने ईंधन को दूसरे राफेल को उधार देने क्षमता रखता है।
8.
इसमें कॉकपिट को थेल्स एवियोनिक के डिस्प्ले से लैस किया गया है। हेड-अप, वाइड-एंगल होलोग्राफिक डिस्प्ले विमान नियंत्रण डेटा, मिशन डेटा और फायरिंग संकेतों का प्रबंधन करता है।
9.
आपको जान कर हैरानी होगी की इसे बनाने में कितनी कीमत लगी होगी। इसमें 450 अरब डॉलर खर्च हो चुके हैं जिसकी तुलना आप पिछले चार सालों के पूरे रक्षा बजट से कर सकते हैं। इसे हर मिशन में भी भेजा जा सकता है।
10.
यह विमान अपने साथ कई हथियारों को भी रखता है। जिसमें लेजर और जीपीएस बॉम्ब भी लगे हुए हैं जिसका इस्तेमाल 10 किलोमीटर दूर तक किया जा सकता है।