मौत को मात देने वाला PCS अधिकारी बना IAS! रिंकू राही को भ्रष्टाचार के एक मामले का पर्दाफाश करने पर 7 गोली मारी गई थी। अब पास की यूपीएससी परीक्षा

।। नहीं तोड़ सकी बाधाएं बुलंदी के हौसले को।। रिंकू सिंह राही का जन्म 20 मई 1982 में अलीगढ़ जिले में हुआ था। इनहोंने अपनी पढ़ाई अलीगढ़ में पूरी करी एवं सिविल सर्विसेज की परीक्षा के द्वारा PCS के अफसर का पद हासिल करा। हालही मे हुई UPSC परीक्षा में इन्होंने अव्वल अंक हासिल कर एग्जाम उत्तीर्ण कर लिया। इनके निरंतर प्रयास व कर्मठता के किस्से हैरान करने वाले हैं। ये उत्तर प्रदेश में प्रायोजित कल्याणकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई मे हिस्सा लेते हैं। राही जी अपने विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ सन 2009 से कार्यरत हैं। 

।। ईमानदारी का दण्ड।। शरीर पर 7 गोलियों के घाव और एक आंख गवांने पर भी नहीं डिगे रिंकू सिंह, पास की UPSC परीक्षा

2004 में इनकी पोस्टिंग उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में हुइ थी। वहां का जन कल्याण विभाग प्रत्येक वर्ष ₹40 करोड़ कल्याणकारी योजनाओं को निष्पादित करने के लिए भेजता था। राही ने आने के कुछ समय बाद ही वहां आ रहे फंड्स के आवंटन की जांच करी तो पाया की पूंजी में काफी विसंगति मौजूद है।

फंड्स में से एक भाग वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिए आता था। पैसा 62,447 लोगों के लिए आता था परंतु उसका वितरण सिर्फ 47,707 लोगों को ही होता था। हर लाभार्थी को वर्ष में 3,600 मिलते थे, परंतु 22,000 OBC छात्रों को ₹5 करोड़ और BPL परिवारों और सामान्य जातियों को ₹11 करोड़ बाटने का कोई रिकॉर्ड नहीं था। अर्थाथ किसी को कोई खबर नहीं थी की सरकार से जनहित के लिए आया यह पैसा आखिर कहां गया। राही ने इसकी शिकायत अपने से ऊंचे पद के अवसरों और मुजफ्फरनगर के डीएम से की।

See also  मध्‍य प्रदेश में महिला ने 3 बेटों और 1 बेटी को दिया एक साथ जन्म, समय से पहले पैदा हुए चारों बच्चे

राही ने 28 नवम्बर 2007 को राइट टू इनफॉर्मेशन (RTI) रिपोर्ट फाइल की परंतु उन्हें कोई जवाब नही मिला। उन्होंने अपनी लड़ाई जारी रखी और बार-बार रिकॉर्ड और सूचना की मांग करते रहे। राही की इन निरंतर शिकायतों के कारण, 26 मार्च 2009 की सुबह, जब वे बैडमिंटन खेल रहे थे, उन्हें हथियार लिए कुछ बदमाशों ने छः बार गोली मारी। हमले के परिणामानुसार उनका जबड़ा बुरी तरह घायल हो गया एवं उनकी एक आंख की रोशनी भी चली गई। ईश्वर की कृपा से वे जीवित बच गए एवं स्वस्थ हो गए। 

राही पर हुए इस हमले के पाश्चात्य, एक जांच समिति बैठाई गई जिसमे ना सिर्फ़ उस धनराशि के घोटाले के बारे में पता चला, बल्कि कई घूसखोरों का पर्दाफाश हुआ। 26 मार्च 2012 को राही ने लखनऊ में भूख हड़ताल कर कोर्ट के उनकी RTI रिपोर्ट्स को अस्वीकृत करने के फैसले का विरोध किया। हड़ताल को खत्म करने हेतु लखनऊ पुलिस जबरदस्ती उन्हें हॉस्पिटल ले गई और मनोरोग वार्ड में उन्हें भर्ती करने लगी। जब वे और उनका परिवार इस बात से राजी न हुए, तब बड़ी मुश्किल से उन्हे जाने दिया गया। 

राही का विद्रोह रोकने के लिए उनका स्थानांतरण कर दिया गया। राही ने बताया कि घोटाले की सूचना देने पर पुलिस के बड़े अफसरों ने भी उनका साथ देने से इंकार कर दिया और अभी भी उनकी RTI रिपोर्ट्स का भी कोई जवाब नहीं आया है।

इतनी कठिनाइयों का सामना करने के उपरान्त भी राही जी ने देश की निःस्वार्थ भाव से सेवा करना न त्यागा। पहले PCS एवं अब UPSC का एग्जाम क्लियर कर वे अभी भी देश सुधार के कार्य में समर्पित रहना चाहते हैं। ऐसे कर्मठ नागरिकों पर भारत को गर्व है।

See also  बेटी की शादी में दी जाती है 21 जहरीले सांप, इसके बिना शादी नहीं हो सकती