मेरे विद्यालय के बारे में हिंदी में निबंध

“विद्यालय” यह वह स्थान है जहां हम ज्ञान अर्चन करते हैं। यह दो शब्दों के मेल से बनता है “विद्या” यानी ज्ञान और “आलय” यानी स्थान व मंदिर। अर्थात एक ऐसा स्थान जहां हम ज्ञान का अर्चन करते हैं। यह पाठशाला, स्कूल,विद्यालय के नाम से भी जाना जाता है। यहां हम अपना सबसे ज्यादा वक्त गुजारते हैं। यह हर एक विद्यार्थी के लिए सबसे अनमोल जगह है।जहां हम शुरू शुरू में जाने से घबराते हैं परंतु जब हमारी स्कूलीय पढ़ाई खत्म हो जाती है तब हम रोते रोते स्कूल से निकलते हैं। शुरू में थोड़े अनजान परंतु आखिर में अध्यापक अध्यापिका सब हमारे अपने से हो जाते हैं। पूरा स्कूल,दोस्त,गुरु, कार्यकर्मी सब अपने से लगने लगते हैं। अध्यापक हमें शिक्षा देकर हमें बड़े मकाम तक पहुंचने में मदद करते हैं। दोस्त वे तो हर परेशानी का हल कर देते हैं। यह सब हमें विद्यालय जाने के बाद ही प्राप्त हो पाता है।स्कूल में खेलकूद, गाना- बजाना, नाच, नाटक इन सब का आनंद बहुत ही मजेदार होता है। यह पढ़कर तो आपको समझ आ ही गया होगा कि मैं बात कर रही हूं विद्यालय के बारे में तो आज का निबंध है मेरे विद्यालय के बारे में।इस निबंध के माध्यम से मैंने मेरे विद्यालय के बारे में बच्चों व विद्यार्थियों के लिए निबंध प्रस्तुत किया है।

मेरी विद्यालय का नाम व रुप

मेरे विद्यालय का नाम डी.ए.वी पब्लिक (यहाँ आप अपने विद्यालय का नाम लिखो) स्कूल है। यह नर्सरी से 12वीं (कौन से कक्षा से लेकर कौन से कक्षा तक की पढ़ाई होती है यह लिखो) तक के विद्यार्थियों के लिए है। यह दो मंजिला इमारत है। इसकी भव्य इमारत अत्यधिक लुभावनी है। मेरा विद्यालय राज्य के टॉप 10 स्कूलों के अंतर्गत आता है। यह मेरे घर से थोड़ी दूरी पर ही स्थित है। यह सड़क के सामने है जिससे विद्यार्थियों को आने-जाने में परेशानी नहीं होती। सड़क के सामने होने के बावजूद भी मेरा विद्यालय प्रदूषण रहित है।

See also  स्मार्ट क्लास का अर्थ और स्मार्ट क्लास की उपयोगिता पर हिंदी निबंध

मेरे विद्यालय की अन्य शिक्षाएं

मेरे विद्यालय के ऊपरी मंजिलें में बच्चों की कक्षाएं चलती है। उपरी मंजिलें मे नर्सरी से छठी कक्षा तक के बच्चों की पढ़ाई होती है। तथा ऊपरी मंजिलें में कला केंद्र भी स्थापित है। विद्यालय के निचले हिस्से में कक्षा सातवीं से बारवी की पढ़ाई करवाई जाती है।हमारे विद्यालय में एक संगीत केंद्र, पुस्तकालय तथा फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी के अलग-अलग प्रयोगशालाए भी हैं। इसके अलावा हमारे विद्यालय में एक डिस्पेंसरी की भी व्यवस्था है।स्कूल में दो ऑडिटोरियम भी है। एक स्कूल के बीचो बीच और दूसरा प्ले ग्राउंड के पास जिसमें हर वर्ष वार्षिक कार्य और अन्य कई सारे प्रोग्राम होते हैं। हमारे स्कूल में के कंप्यूटर प्रयोगशाला भी है।यह कक्षा तीन से बारवी तक के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध है। हमारे स्कूल में एक बहुत बड़ा सा खेल का मैदान है। जिसमे विद्यार्थियों को कबड्डी कराटे और बहुत ही शिक्षाए दी जाती है।

मेरे विद्यालय द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं

मेरे विद्यालय में कुल 8 बसे हैं जिसे विद्यार्थियों के आने जाने के लिए रखी गई है।हमारे स्कूल से हर वर्ष छात्रवृत्ति भी दी जाती है। जिससे विद्यार्थियों को बहुत मदद मिलती है। हमारे विद्यालय में बॉलीबॉल फुटबॉल क्रिकेट जैसे अन्य कई सारे खेल भी सिखाई जाते हैं। तथा चयनित छात्रों को आगे भी बढ़ाया जाता है। यहां सेल्फ डिफेंस की भी ट्रेनिंग दी जाती है तथा संगीत नृत्य व कला के भी बहुत से प्रोग्राम होते हैं।

विद्यालय में पानी पीने के लिए जगह जगह फिल्टर लगे हुए है।।यहां शौचालय की भी उत्तम व्यवस्था है। विद्यालय के चारों तरफ तरह-तरह के पेड़ व फूल के पौधे लगे हुए हैं। हर कार्य को करने के लिए स्कूल में नौकर भी लगाए गए हैं। रात्रि में स्कूल की देखभाल के लिए गार्ड की भी व्यवस्था है।

See also  मेरा प्रिय खेल क्रिकेट पर निबंध

मेरे विद्यालय के शिक्षक व प्रधानाचार्य

हमारे स्कूल के प्रधानाचार्य श्रीमान एस.के सिंहा बहुत ही दयालु व्यक्ति है। हमारे स्कूल में कुल 85 शिक्षक शिक्षिका हैं। हर अध्यापक अध्यापिका अपने-अपने विषयो में बहुत ही अनुभवी है।तथा हमें बहुत ही प्रेम करते हैं। हमारे स्कूल में प्रत्येक बच्चे को उनके कार्य में निपुण बनाया जाता है। तथा हर कार्य को हमें बड़े ही अच्छे व प्यार से समझाया जाता है।

मेरे विद्यालय का समय

गर्मियों में विद्यालय का समय बड़ों के लिए 6:30 से 1:00 बजे तक का होता है और बच्चों के लिए 7:00 से 12:30 बजे तक का होता है। वही ठंड के समय का कक्षाए 8:30 से 2:30 बजे तक चलती है और बच्चों के लिए 9:00 से 2:00 बजे तक का रखा जाता है।
पढ़ाई शुरू होने से पहले प्रार्थना करवाई जाती है। तथा भोजन से पहले भी एक बार ईश्वर की अर्चना करवाई जाती है। बुधवार को सभी के यूनिफार्म सफेद रंग के होते हैं। हर हफ्ते मे सभी कक्षाओ को दो बार कला केंद्र, संगीत तथा कंप्यूटर प्रयोगशाला में भी ले जाया जाता है। तथा उन्हे वहां बहुत कुछ सिखाया भी जाता है।

मेरे विद्यालय द्वारा दी जाने वाली सिक्यूरिटी

विद्यालय में हर क्लासरूम तथा जगह-जगह सी.सी.टी.वी कैमरे लगे हुए हैं। प्रत्येक बच्चे का खास ख्याल रखा जाता है। अपने क्लास रूम से प्रयोगशालाओ में जाते वक्त बच्चों को पंक्ति वध किया जाता है तथा शिक्षक द्वारा उनका खास ख्याल रखा जाता है।किसी की भी तबीयत बिगाड़ने पर उन्हें रेस्ट रूम में भेजकर उनके माता-पिता को तुरंत सूचित कर दिया जाता है। बच्चों के आगमन के समय जगह जगह पर गार्ड वह शिक्षक खड़े रहते हैं तथा छुट्टी के वक्त भी यही होता है।

See also  एपीजे अब्दुल कलाम (मिसाइल मैन) पर निबंध लेखन

बड़े बच्चों तथा छोटे बच्चों के आने और जाने दोनों के अलग-अलग समय रखे गए हैं ताकि किसी को भी आने जाने में कोई दिक्कत ना हो। बड़े विद्यार्थियों के तथा छोटे विद्यार्थियों के लंच के समय भी अलग अलग हैं। तथा बच्चों के लिए अलग-अलग प्रोग्राम व प्रतियोगिताएं रखी जाती है वही बड़ों के लिए अलग-अलग प्रोग्राम व प्रतियोगिताए होती है। शिक्षकों के आने का समय बच्चों से एक घंटे पहले होता है और जाने का समय बच्चों के 1 घंटे बाद होता है। बच्चों के जाने के बाद गार्ड पूरे स्कूल को अच्छी तरह से देख रेख कर अपने रूम में जाता है।

मुझे अपने विद्यालय पर गर्व है। तथा में प्रत्येक शिक्षक एवं अपने विद्यालय का बहुत सम्मान तथा इनसे बहुत प्यार करती हूं।

Scroll to Top